राहुल के साथ से हुड्डा सैलजा के मिले हाथ, मजबूत हुई कांग्रेस
हरियाणा में विधानसभा चुनावों के लिए प्रचार के पहले चरण में दूरी बनाने वाली कांग्रेस महासचिव और सांसद कुमारी सैलजा अब बीती बातें भुलाकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ मंच साझा कर रही हैं।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सोमवार को अंबाला के नारायणगढ़ से 'हरियाणा विजय संकल्प यात्रा' शुरू करने से पहले जनसभा में भीड़ का अभिवादन करते हुए सैलजा और हुड्डा के हाथ पकड़कर मिलवाए। एकजुटता का संदेश देने के लिए राहुल की इस पहल पर साथ खड़ी प्रियंका गांधी भी मुस्कराती दिखीं।
विधानसभा चुनाव में टिकट बंटवारे के बाद से भाजपा लगातार हुड्डा और सैलजा के बीच तनातनी को मुद्दा बना रही है। कांग्रेस के चुनावी कैंपेन से कई दिन तक सैलजा की दूरी ने भाजपा के इस मुद्दे को खूब हवा भी दी।
इस दौरान सैलजा के कांग्रेस छोड़ने की खबरें भी उड़ाई गईं। मामले में राहुल गांधी के हस्तक्षेप के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे सैलजा को मनाने में सफल रहे।
इसके बाद सैलजा ने करनाल के असंध में राहुल की रैली में हुड्डा के साथ मंच साझा करते हुए चुनाव प्रचार शुरू कर दिया था, लेकिन वे हिसार के बरवाला में राहुल गांधी की रैली में हुड्डा के साथ मंच पर दिखाई नहीं दी।
कुमारी सैलजा ने अपने कार्यक्रम अलग से निर्धारित करते हुए कांग्रेस उम्मीदवारों के लिए चुनाव प्रचार का सिलसिला जारी रखा। शनिवार को नारायणगढ़ रैली में यह दूसरा मौका था, जब राज्य में राहुल गांधी और भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ कुमारी सैलजा ने भी मंच साझा किया। राहुल गांधी हुड्डा और सैलजा दोनों के बीच में खड़े थे।
उनके निकट प्रियंका गांधी खड़ी थी। लोगों का अभिवादन करने के बाद राहुल गांधी फ्रंट लाइन से थोड़ा पीछे हो गये, लेकिन उन्होंने पीछे खड़े-खड़े सैलजा व हुड्डा के हाथ ऊपर उठवाकर मिलवा दिये। इसके बाद सैलजा और हुड्डा दोनों थानेसर में राहुल गांधी व प्रियंका गांधी के मंच पर एक साथ दिखाई दिए। हालांकि दोनों के बीच बात नहीं हुई।
राहुल गांधी ने विजय संकल्प रैली के दौरान हुड्डा व सैलजा के हाथ जोड़कर भाजपा से बड़ा चुनावी मुद्दा छीन लिया। हाथ मिलने के बाद हुड्डा और सैलजा ने मुस्कुराते हुए संदेश देने की कोशिश की कि अब पार्टी में सब ठीक है।
कांग्रेस पूरा चुनाव एकजुट होकर लड़ने जा रही है। कांग्रेस के मीडिया प्रमुख चांदवीर हुड्डा ने कहा कि भाजपा जिस मुद्दे को पिच बनाकर राजनीतिक चौके-छक्के लगाने की फिराक में थी, राहुल गांधी ने भाजपा की उसी पिच को उसके पैरों तले से खींच लिया।
भाजपा जिस कुमारी सैलजा को आगे करके दलितों से वोट मांगने जा रही थी, अब वही कुमारी सैलजा अपने भाषणों में भाजपा पर हमलावर हैं। मजबूरी में भाजपाई सैलजा को उलटा जवाब भी नहीं दे सकते।
25 सितंबर तक चुनाव प्रचार से दूर रहीं सैलजा
सैलजा और हुड्डा के बीच टिकटों के बंटवारे के समय से ही खटपट चल रही थी। अपने कई समर्थकों को टिकट न मिलने और जातिसूचक शब्द कहे जाने से नाराज सैलजा ने 12 सितंबर को टिकटों की घोषणा के बाद से ही चुनाव प्रचार से दूरी बना ली थी।
उन्होंने 25 सितंबर तक प्रदेश में कहीं कोई प्रोग्राम नहीं किया। इसके बाद 26 सितंबर को खुद राहुल गांधी उन्हें दिल्ली से लेकर असंध की रैली में पहुंचे थे।
हुड्डा ने कहा बहन तो सैलजा बोलीं कि वक्त सब कुछ कहलवा देेता है
कुमारी सैलजा को जातिसूचक शब्द कहे जाने के मामले ने तूल पकड़ा तो हुड्डा ने कहा कि सैलजा पार्टी की सम्मानित नेता हैं। हमारी बहन हैं। अगर किसी कांग्रेसी ने उन्हें गलत कहा तो उसकी पार्टी में कोई जगह नहीं है।
इस मामले में सैलजा से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वक्त बहन कहलवा देता है। सैलजा से जब पूछा गया कि वह हुड्डा समर्थकों का प्रचार करने जाएंगी तो उन्होंने कहा कि वे बुलाएंगे ही नहीं।
राहुल गांधी पिछले दौरे के वक्त भी भूपेंद्र हुड्डा असंध रैली में सैलजा के साथ आए, लेकिन हिसार में हुड्डा समर्थक के प्रचार के लिए सैलजा मंच पर नहीं गईं।